गीता साधक संजीवनी’ (पुस्तक कोड-6) स्वामी रामसुखदास जी द्वारा रचित एक विस्तृत हिंदी टीका है, जो साधकों के लिए भगवद्गीता के श्लोकों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित की गई है और हार्डकवर संस्करण में उपलब्ध है।
प्रमुख विशेषताएँ:
- लेखक: स्वामी रामसुखदास जी
- प्रकाशक: गीता प्रेस, गोरखपुर
- भाषा: हिंदी
- पृष्ठ संख्या: लगभग 1296
- बाइंडिंग: हार्डकवर
नोट: कीमतें और उपलब्धता समय के साथ बदल सकती हैं।
पुस्तक का सारांश:
‘गीता साधक संजीवनी’ में स्वामी रामसुखदास जी ने भगवद्गीता के श्लोकों की सरल और गहन व्याख्या प्रस्तुत की है, जो साधकों को आत्मकल्याण की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह पुस्तक गीता के श्लोकों का हिंदी अनुवाद और विस्तृत टीका प्रदान करती है, जिससे पाठक गीता के गूढ़ अर्थों को समझ सकें।
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